कोशिश कर, हल निकलेगा।
आज नही तो, कल निकलेगा।
अर्जुन के तीर सा सध,
मरूस्थल से भी जल निकलेगा।।
मेहनत कर, पौधो को पानी दे
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा।
ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे
फौलाद का भी बल निकलेगा।
जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को
गरल के समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा।
कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की
जो है आज थमा थमा सा जो,
चल ओ भी हल निकलेगा।।
*****जय सिंह *****
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें