बुधवार, 28 अगस्त 2013

Happy Friendship Day



 Happy Friendship Day

कई बार देखा है
जब बहुत बहुत उदास होते हैं
बिलकुल अकेले होते हैं
तब कोई एक दोस्त
जुगनू सा चमकता हुआ आता है
अपनी दो बातों से
सारा कष्ट हर ले जाता है

अब तो ऐसा है
आशान्वित सा रहता है मन
जब
बहुत दुखी होता है
कि कोई बहुत अच्छी बात
होने वाली है
रोती आँखें हंस कर
फिर और रोने वाली है

किसी पुराने रचित छंद सा
अपना ही कोई
कुछ ऐसी बातें कह जाता है
कि
जीवन के प्रति अविश्वास
तुरंत ढ़ह जाता है

याद आने लगता है
माटी का दिया
जो कभी गंगा की लहरों में
प्रवाहित किया था
और देर तक निहारते रहे थे
कि देखें कहाँ तक जाता है
कहो क्या वो लम्हा
आपको भी याद आता है?

याद आती है
साथ बितायी कुछ एक
सुन्दर घड़ियाँ...
जिनके बलबूते
देखो वर्षों बाद भी मात्र चंद बातें कर के
हम जोड़ लेते हैं सुनहरे पलों की कितनी ही लड़ियाँ...

कभी कभी ही
ऐसा
होता है
पहचान लम्बी न हो
पर फिर भी कोई
बिलकुल अपना हो लेता है

'आप' की औपचारिकताओं से ही
हम निकल नहीं पाए थे
कि वक़्त बीत गया
जितनी कवितायेँ सुनी थी आपने 
वह सब वहीँ प्रांगन में
पीछे छूट गया

अब समेटेंगे हम
सबकुछ
धीरे धीरे!
उन अनमोल घड़ियों को
यहीं से जी लेंगे...
जो जी गयीं थीं ''आईआईएमसी'' तीरे!!
आप सभी प्यारे दोस्तों याद आती है Happy Friendship Day


जय सिंह

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