कभी-कभी जब उदासी बहुत थक जाती है
तो वह मेरे पास आ बैठती है
वह उदास-उदास बातें करती है
मैं थका-थका हुंकारा देता हूं
नफरत में भी उतनी ही ताकत होती है
जितनी की प्यार में
मैं हूं तो कह देता हूं
पर मेरा दिल यह बात नहीं मानता
प्यार की शिददत का
नफरत की ताकत से क्या मुकाबला
प्यार आस ही आस होती है
और नफरत बेउम्मीदी
प्यार के गम में भी एक सुख
नफरत के सुख में भी कांटे ही कांटे
उदासी कुछ सोच कर बोलती है
हर ख्याल हर उसुल अपने ही पैमाने पर
तौलना कहां तक ठीक है
मैं हंस देता हूं
कर्इ बार मेरी जिन्दगी के साथ भी
ऐसे हादसे हुए है कि
उनकी खबर घर घर हुर्इ
वे हादसे खुशी के थे
फिर भी मैंने सिर ऊंचा नही किया
अपनी किस्मत पर मुझे पुरा भरोसा था
और फिर ऐसे हादसे हुए
जो सिर्फ मुझे मालूम है
उनका खौफनाक जिक्र कभी
मेरी जुबान ने किसी से नहीं किया
न सुनाने की हिम्मत की किसी को
न बोलने के लिए शब्द ही थे
हादसे खुशी के हो या गम के बस हो जाते है
उदासी थकी-थकी उठकर चल दी
यहां मेरी सांस घुट रही है
मेरा दिल सोचता रहा
दु:ख सबके अपने-अपने होते है
पर लगते कितने एक से है।
जय सिंह