गुरुवार, 18 अगस्त 2011

तूं जहाँ भी रहे सलामत रहे

तूं जहाँ भी रहे सलामत रहे
तेरे जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ रहे
दूर जा के भी तूं हमेशा पास रहे
तेरी यादें हमेशा ही ताजा रहे
तू जहा भी चले फूल हो राहों में
हर कदम तेरी मंजिल मुबारक रहे
हर चमन के फूल आपसे खिलती रहे
ये महक यूं ही महकती रहे
तूं जो चाहे ओ तुझको सदा ही मिले
कोई गम तो तुझे कभी हो न सके
आपके लिए  मेरी यही है कामना
आपका जीवन सदा ही प्रफ्फुलित रहे
------------------------------------------------------जय सिंह  

रविवार, 14 अगस्त 2011

क्या यही कहता है पंद्रह अगस्त

क्या यही कहता है पंद्रह अगस्त
की लूटो, खाओ रहो मस्त |
धर्म के नाम पे कट्टरता,
और जाति के नाम पे उंच-नीच
क्या पलती रहे  यूं ही नफ़रत
रह जाए न जग में प्रेम प्रीति 
भोली जनता को कर गुमराह
उनको लुटने में  रहते है ब्यस्त,
क्या यही  कहता है पंद्रह अगस्त | 
सोचो तो तिरंगे  झंडे को
जिसे सादर नमन किया करते है
इक रोज  झुका कर जिसे शीश 
फिर नेता उसको भुला दिया करते है,
अपने ही ऐश  का ध्यान दिया
अपने ही  रंग में रहे मस्त,
क्या  यही कहता है पंद्रह अगस्त|
है न्याय के  घर में लूट मची,
छीना- झपटी में भीड़ जमी ,
 पाखंड ,झूठ ,अन्याय , अनीति से
मानवता हुई शाप ग्रस्त ,
क्या यही कहता है पंद्रह अगस्त|
पंद्रह अगस्त  तो कहता है
हम एक बने हम नेक बने,
जब  बन  न सके भारतीय तो, 
 क्या हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख बने,  
ऐसी बेकार की बातों पे
रोता रहा पंद्रह अगस्त 
क्या  यही कहता है पंद्रह अगस्त|
 
-------------------------------------------- जय सिंह 

शुक्रवार, 12 अगस्त 2011

दिल को हँसा दीजिये

दिल को हँसा दीजिये 
 यूँ न हमको सजा दीजिये
 कल  मिले ना मिले क्या खबर
   आज ही दिल से दिल को मिला लीजिये 
जख्म सुखा नहीं इल्तजा है मेरी 
  पाव रख कर ना दिल पे चला कीजिये 
 पास  आये नहीं हम खफा तो नहीं 
    दूर ही से ही मगर हौसला दीजिये
  हम  रहे ना रहे इस जहाँ में सही 
   फिर मिले यह  खुदा से दुआ कीजिये
 आप ही से मिली ये जिंदगी मुझे 
     मेरे मरने की यूँ ना दुआ कीजिये
आपका ------------------जय सिंह