मैं एक लड़की हूँ..........
जमाने की पुराने और नए ख्यालातों की मैं एक लड़की हूँ........
मैं ज्यादा बोलूं तो चालाक
चुप रहूं तो दब्बू
मैं पढ़ूं तो तेज़ तर्रार
न पढ़ूं तो जाहिल
मैं अपने हक़ के लिये लड़ूं तो मुंहफट
और अगर खामोश रहूं तो बावली
मैं हमसफर के लिये पसंद बताऊं तो बेशर्म
और अगर बड़ों के फैसलों पर सर झुका दूं तो भेड़ बकरी
मेरी शादी न हो रही तो मेरा क़सूर
मैं तलाक़शुदा हूं तो भी मेरा ही क़सूर
मैं मां बहन, बीवी, और बेटी हूं तो इज्ज़तों की रखवाली
मैं दूसरों की मां बहन बीवी और बेटी हूं तो मुफ्त का माल
मैं जींस पहनूं तो माडर्न
मैं नक़ाब पहनूं तो बैकवर्ड
मैं माडर्न हूँ तो लुच्चीमैं सादा हूँ तो "बहन जी"
मैं मेकअप करूं तो आर्टिफिशियल
मैं मेकअप न करूं तो गंवार
मैं घर से निकलूं तो ओवरकॉन्फिडेंट
मैं घर में रहूं तो आई हैव नो कॉन्फिडेंस
मैं किचन में रहूं तो सुघड़
मैं क्रिकेट खेलूं तो फूहड़
मैं शोसल मीडिया यूज करूं तो हाथ से निकल गई
मैं मदरसे जाऊं तो टिपिकल बन गई
मैं मर्दों के साथ काम करूं तो आजाद ख्याल
मैं मर्दों के साथ काम करने से इंकार करूं तो पिछड़ा
मैं अपनी ही बनाई हुई रस्मो रिवाजों में जकड़ी हूँ
क्योंकि मैं एक लड़की हूँ...........
बुधवार, 19 अप्रैल 2023
मैं एक लड़की हूँ.......
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