मैं एक लड़की हूँ..........
जमाने की पुराने और नए ख्यालातों की मैं एक लड़की हूँ........
मैं ज्यादा बोलूं तो चालाक
चुप रहूं तो दब्बू
मैं पढ़ूं तो तेज़ तर्रार
न पढ़ूं तो जाहिल
मैं अपने हक़ के लिये लड़ूं तो मुंहफट
और अगर खामोश रहूं तो बावली
मैं हमसफर के लिये पसंद बताऊं तो बेशर्म
और अगर बड़ों के फैसलों पर सर झुका दूं तो भेड़ बकरी
मेरी शादी न हो रही तो मेरा क़सूर
मैं तलाक़शुदा हूं तो भी मेरा ही क़सूर
मैं मां बहन, बीवी, और बेटी हूं तो इज्ज़तों की रखवाली
मैं दूसरों की मां बहन बीवी और बेटी हूं तो मुफ्त का माल
मैं जींस पहनूं तो माडर्न
मैं नक़ाब पहनूं तो बैकवर्ड
मैं माडर्न हूँ तो लुच्चीमैं सादा हूँ तो "बहन जी"
मैं मेकअप करूं तो आर्टिफिशियल
मैं मेकअप न करूं तो गंवार
मैं घर से निकलूं तो ओवरकॉन्फिडेंट
मैं घर में रहूं तो आई हैव नो कॉन्फिडेंस
मैं किचन में रहूं तो सुघड़
मैं क्रिकेट खेलूं तो फूहड़
मैं शोसल मीडिया यूज करूं तो हाथ से निकल गई
मैं मदरसे जाऊं तो टिपिकल बन गई
मैं मर्दों के साथ काम करूं तो आजाद ख्याल
मैं मर्दों के साथ काम करने से इंकार करूं तो पिछड़ा
मैं अपनी ही बनाई हुई रस्मो रिवाजों में जकड़ी हूँ
क्योंकि मैं एक लड़की हूँ...........
चलते-चलते
सरे राह स्याही संजोकर .......
बुधवार, 19 अप्रैल 2023
मैं एक लड़की हूँ.......
बुधवार, 25 नवंबर 2020
दुनिया में सबसे बड़ा है भारत का संविधान, ये 21 बातें बनाती हैं खास...
भारतीय संविधान सभा की ओर से 26 नंवबर 1949 को भारत का संविधान पारित हुआ और 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ. भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है.
भारतीय संविधान सभा की ओर से 26 नंवबर 1949 को भारत का संविधान पारित हुआ और 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ. भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है. भारतीय संविधान में वर्तमान समय में 465 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 22 भागों में विभाजित है. आइए जानते हैं हमारे संविधान से जुड़े कई रोचक तथ्य...
1. बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है. वे संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे.
2. अंबेडकर को संविधान का फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे.
3. पूरे देश में 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है.
भारतीय संविधान सभा से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य और जानकारी
4. देश का सर्वोच्च कानून हमारा संविधान 26 नवंबर, 1949 में अंगीकार किया गया था.
5. संविधान सभा पर अनुमानित खर्च 1 करोड़ रुपये आया था.
6. मसौदा लिखने वाली समिति ने संविधान हिंदी, अंग्रेजी में हाथ से लिखकर कैलिग्राफ किया था और इसमें कोई टाइपिंग या प्रिंटिंग शामिल नहीं थी.
7. संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे. जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे.
8. 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहें.
9. इसमें अब 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है. इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं.
10. संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता को मंत्रिपरिषद् होगी, जिसका प्रमुख पीएम होगा.
11. आज से ठीक 66 साल पहले भारतीय संविधान तैयार करने और स्वीकारने के बाद से इसमें पूरे 100 संशोधन किए जा चुके हैं.
संविधान दिवस पर जानें देश के संविधान से जुड़ी 10 खास बातें
12. संविधान में प्रशासन या सरकार के अधिकार, उसके कर्तव्य और नागरिकों के अधिकार को विस्तार से बताया गया है.
13. संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है जिसकी संरचना कतिपय एकात्मक विशिष्टताओं सहित संघीय हो. केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है.
14. भारत की संविधान सभा का चुनाव भारतीय संविधान की रचना के लिए किया गया था. ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्र होने के बाद संविधान सभा के सदस्य ही प्रथम संसद के सदस्य बने.
15. कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधार पर भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन जुलाई, 1946 ई० में किया गया.
16. संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे.
17. हैदराबाद एक ऐसी रियासत थी, जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मिलित नहीं हुए थे.
19. संविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई.
20. संविधान के कुछ अनुच्छेदों में से 15 अर्थात 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 372, 380, 388, 391, 392 तथा 393 अनुच्छेदों को 26 नवंबर, 1949 ई० को ही परिवर्तित कर दिया गया; जबकि शेष अनुच्छेदों को 26 जनवरी, 1950 ई० को लागू किया गया.
21. समाजवादी शब्द संविधान के 1976 में हुए 42वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया.
भारतीय संविधान के प्रमुख भाग इस प्रकार हैं-
भाग-1 संघ एवं उसका राज्य क्षेत्र: अनुच्छेद 1 से 4
भाग-2 नागरिकता: अनुच्छेद 5 से 11
भाग-3 मौलिक अधिकार: अनुच्छेद 12 से 35
भाग-4 नीति-निर्देशक तत्व: अनुच्छेद 36 से 51
भाग-4 (क) मूल कर्तव्य: अनुच्छेद 51 (क)
भाग-5 संघ: अनुच्छेद 52 से 151
भाग-6 राज्य: अनुच्छेद 152 से 237
भाग-8 संघ राज्य क्षेत्र: अनुच्छेद 239 से 242
भाग-11 संघ और राज्यों के बीच संबंध: अनुच्छेद 245 से 263
भाग-14 संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं: अनुच्छेद 308 से 323
भाग-15 निर्वाचन: अनुच्छेद 324 से 329
भाग-17 राजभाषा: अनुच्छेद 343 से 351
भाग-18 आपात उपबंध: अनुच्छेद 352 से 360
भाग-20 संविधान संशोधन: अनुच्छेद 368
जय सिंह (आईआईएस)
एम कॉम, पीजीडीसीए, बीएड, एमबीए, एमसीजे, एम.फिल, नेट
गुरुवार, 1 अक्टूबर 2020
बेटी थी चुपचाप जल गई
बुधवार, 5 अगस्त 2020
गुस्सा आने पर ..........
खाने को ना कहें
मंगलवार, 9 जून 2020
बेबसी की मौत
कोरोना में काल के गाल में समाए ग़रीबों को समर्पित.....
शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2017
का करिहैं मोदी सरकार
एक से बढि़के एक मक्कार,
का करिहैं मोदी सरकार ?
इधर अफसरी, उधर तस्करी,
आमदनी है दोहरी-तेहरी,
शिक्षा, स्वास्थ्य महकमा चाहे,
पुलिस, प्रशासन, कोट कचहरी,
हर विभाग में भ्रष्टाचार,
का करिहैं मोदी सरकार ।।

बेसिक शिक्षा हुई बेकार,
शिक्षण छोड़ भवन निर्माण,
टीचर बन गए शिक्षा के ठेकेदार,
कक्षा में लड़के लाचार,
का करिहैं मोदी सरकार ।।
कहीं बुखारी, कहीं ओवैसी,
करैं देश की ऐसी-तैसी,
देशभक्ति कै ढोंग रचावैं,
पाकिस्तानी ढोल बजावैं,
जब घर ही में हैं गद्दार,
का करिहैं मोदी सरकार ।।
गली, सड़क की हुई सफाई,
मन का मैल मिटै ना भाई,
महिलाओं पर सब अत्याचार,
रेप, छेड़खानी, अउर व्यभिचार,
होइगै नैतिकता बीमार,
का करिहैं मोदी सरकार ।।
मोदी करैं विकास कै बात,
मेहनत करैं बहुत दिन -रात,

घर कै लोग लगावैं घात,
जब अपनें फूंकै घर - बार,
का करिहैं मोदी सरकार ।।
कहीं नहीं होती सुनवाई,
कितना भी चिल्लाओ भाई,
लोकतंत्र में तानाशाही,
फैली दलितों पर तबाही,
दिखता नहीं कोई उपचार,
का करिहैं मोदी सरकार ।।
गांधी हर विभाग में प्यारे,

ऊपर -नीचे सभी बिके हैं,
सबके हर काम के रेट बंधे हैं,
सारा सिस्टम है बेकार,
का करिहैं मोदी सरकार ।।
शुक्रवार, 25 अगस्त 2017
पत्नी छोड़ बने भगवान।।
पत्नी की फटकार का महत्व-
पत्नी की फटकार है अद्भुत,
अद्भुत है पत्नी की मार।
पत्नी के ताने सुन सुन कर,
खुलते ज्ञान चक्षु के द्वार।।
दस्यु सुना उत्तर पत्नी का
भरम हो गया अंतर्ध्यान।
हार गई पत्नी से दस्युता
बाल्मिकी हुए कवि महान।।
पत्नी से जब मार पड़ी तब,
रोया फूट फूट नादान।
कालिदास अनपढ़ मतिमंदा,
हो गए कवि विद्वान महान।।
पत्नी की फटकार सुनी जब,
तुलसी भागे छोड़ मकान।
राम चरित मानस रच डाला,
जग में बन गए भक्त महान।।
पत्नी छोड़ भगे थे जो जो,
वही बने विद्वान महान।
गौतम बुद्ध महावीर तीर्थंकर,
पत्नी छोड़ बने भगवान।।
पत्नी छोड़ जो भागे मोदी
हुए आज हैं पंत प्रधान।।
अडवाणी ना छोड़ सके तो,
देख अभी तक हैं परेशान।।
नहीं किया शादी पप्पू ने,
नहीं सुनी पत्नी की तान।
इसीलिए करता बकलोली,
बना है मूर्ख मूढ़ नादान।।
हम भी पत्नी छोड़ न पाए,
इसीलिए तो हैं परेशान।
पत्नी छोड़ बनो सन्यासी,
पाओ मोक्ष और निर्वाण
😁😁😜😁😜😊
सोमवार, 22 अगस्त 2016
क्या मेरी तकदीर लिखेगा।
गूँगा, बहरा, अन्धा, अदृश्य
क्या मेरी तकदीर लिखेगा।
मै ही उसको न मानू तो
फिर मुझको क्यो तंग करेगा।
सुनते है शैतान लगा है
लेकिन है लोकल बस्ती का।
अमेरिका जापान से आकर
भूत किसी को क्यों नही लगा है।
हिन्दु का मुस्लिम को लगता
मुस्लिम का हिन्दु को लगता।
इसमे भी लगता है लफड़ा
जैसे हो आपस का झगड़ा।
ईसाइयों का नही सुना है
जैन धर्म का नही लगा है।
बौद्ध धर्म मे नही मान्यता
देवी देवता दूर भगा है।
पुनर्जन्म का जिक्र नही है
भूतो को भी फिक्र नही है।
बौद्धो से आकर टकराये
बौद्धो के घर भी तो जाये।
एक अरब आबादी देश की
जिसमे तेतीस करोड देवता है।
खेत जोतने कोई न जावे
बैठे-बैठे इन्हे खिलाये।
कैसे मिटे गरीबी देश की
एक तिहाई देवता खा जाये।
मन्दिर का निर्माण कराये
मस्जिद का निर्माण कराये।
भूत बिचारे बेघर कैसे
बीडी पीकर खुश हो जाते।
अन्डा नीबू नही चढाते
देवता इनको मार लगाते।
पिछडों या शुद्रो मे आते
इसलिये नही पूजे जाते।
बकरा, मुर्गा, देवता खाते
लगता ये सवर्णो मे आते।
देव स्थल पर चढ नही सकते
ये भी जाती धर्म मानते।
कुछ देवता शाकाहारी है
लगता कुछ मासाहारी है।
पैदल लगता कोई न चलता
सबकी अलग सवारी है।
दुर्गा माता शॆर पर चढती
लक्ष्मी उल्लू से भारी है।
सरस्वती माता कमल विराजी
गणेश ने चूहे की जान निकाली है।
घोडे पर सैयद चढ. बैठे
शंकर की बैल सवारी है।
कहाँ कहाँ से पैदा हो गये
भैया ये प्रश्न से भारी है।
नाभि, भुज, मुख से पैदा
तडपी कोख. बेचारी है।
.........जय सिंह
वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक